शुक्रवार, 26 सितंबर 2008

सर्व शिक्षा अभियान और ग्रामीण बच्चो का विकासः

आज जब विकाश बच्चो की विकाश कि बात होती है तो सर्व शिक्षा अभियान के बारे में समझ बनती है, दरअसल सर्व शिक्षा अभियान ने शिक्षा को ग्रामीण भारत के बच्चो तक ले जाने में बड़ी ही अहम भूमिका अदा कि है.सर्व शिक्षा अभियान के द्वारा गरीब सुदूर इलाके भी आबाद होने लगे है वहा के बच्चे भी पढने लगे है,जिवंत विचारो को महान विचारो को अब किताबो के माध्यम से पढने जानने लगे है सीखते-सीखते अब नयी आशाओ को बच्चे के मन मस्तिष्क में सर्व शिक्षा अभियान कि शिक्षा प्रणाली पहुच रही है. बहुत सारे लोग जिनमे स्वशेवी संश्ता, छुटभैया नेता लोग,और कम या जादा ऐसे लोग जिनका काम सिर्फ चिलाना और अपने काम से कम मतलब रखते हुए दुसरे के कामो से जादा मतलब रखने वाले सर्व शिक्षा अभियान को बकवास बताते है, बेकार कि शिक्षा बताते है,यह खैर उनके विचार होंगे क्यौकी वो ऐसा सोचते है. देश का हर ग्रामीण इलाका अपने स्कूल पर नाज कर रहा है,हर घर का बच्चा स्कूल जो जा रहा है,बच्चे वो बच्चे जो कभी स्कूल में नहीं जाते थे या कहे तो इन गरीब बच्चो का स्कूल जाना देखना पढना सपना था वो सपने साकार हो रहे है या कहे हो चुके है.अब तो इन बच्चो को स्कूल में खाना भी मिलने लगा है खाते है पढ़ते है और खूब पढ़ते है जिन्हें एक बड़ा समुदाय कभी कहता था कि इनके बस कि कहा शिक्षा है यह लोग तो हमारे गुलाम है इन्हें हम चलते है. आज वक्त बदलता जा रहा है वो समुदाय जो कभी इनके मासूम बच्चो के स्कूल जाने पर बवाल करता था आज सबके बच्चे एकसाथ पढ़ते है. शिक्षा ने इतना कुछ दिया है बाताना उन गरीब परिवार के लिए शायद कम होगा जब तक हम उनके घर जाके ना देखे,समाज के निचले पायेदान पर रहने वाला हर परिवार शिक्षा के महत्वों और जरूरत को समझ गया है.और उशे अपनी आदत भी बना लिए है.ये सब मूल बातें और ग्रामीण बच्चो का विकाश सर्व शिक्षा अभियान जैसे उपकारी कार्यक्रम से होगा ऐसे अभियान को थोडी पारदर्शिता में लाकर देश के हर ग्रामीण बच्चो तक पहचानी चाहिए तब जाकर सही माध्यम में ही सफल शिक्षा का आकर देश में बन पायेगा और हमारे ग्रामीण बच्चे सही मायेने में शिक्षित हो पायेंगे.

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