मंगलवार, 30 सितंबर 2008

बाढ़ के बाद मासूमो का क्या होगा................?

कोसी के बाढ़ ने बिहार में तबाही मचाई खूब जोर की तबाही ने सबको रुलाया खेलता बचपन मासूम पिछले कुछ दिनों से कुछ महीनो से खेलता कूदता नहीं है. वजह चाहे कोसी में आये बाढ़ हो या बिहार में हर साल आने वाली बाढ़ की तबाही कुल मिलाकर बड़ा नुक्सान बच्चो उन गरीब समुदाय के बच्चों के साथ हुआ जो बड़ी मुस्किल के साथ अपनी जिन्दगी के दिन काटता है और फ़िर कभी मौका मिलता है तो खेल कूद और पढ़ाई करता है। बिहार के उन ग्रामीण इलाके में रहने वाले बच्चों का दुर्भाग्य ही है के हर साल बाढ़ उनकी बचपन में होने वाले विकाश को रोक देती है, उनकी शिक्षा उन बच्चों का बचपना कोशी की धार में पिछले कई दशको से बाढ़ के साथ ही बह रही है। बिहार के कोसी क्षेत्र में प्राथमिक शिक्षा का अस्तर लगभग ५० से ६० पर्तिशत तक है ऐसे में कोसी की बाढ़ और बाढ़ की विनाश लीला ने करीब हजार से जादा स्कूल को नुक्सान पहुचाया है तो समझा जा सकता है इन ग्रामीण इलाके में रहने वाले बच्चों के शिक्षा पर कितना असर पड़ेगा या फ़िर कहे कितना असर होगा। कुछ स्व सेवी संश्ता ने जरूर बाढ़ वाले इलाकों में शिक्षा के उपयोगी इंतजाम किए है मगर वह भी उठ के मुह में जीरा सा लगता है सरकार और उनकी पुरी खेप बाढ़ पीडितो को साहयता देने में लगी हुई है अफरा तफरी के भयानक समय में शिक्षा और बचपन गुम हो चुकी है.

कोई टिप्पणी नहीं: